कार प्रोजेक्ट के अंतर्गत छात्रों ने मिलकर बना दिया एक यूनिक पिकअप ट्रक, जानें इसके बारे में:

Durga Pratap
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स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड अपने स्टूडेंट कार प्रोजेक्ट के माध्यम सेबसरकर की स्किल इंडिया पहल को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, इस साल मेकेट्रॉनिक्स के छात्रों ने फॉक्सवैगन टाइगुन एसयूवी और फॉक्सवैगन वर्टस सेडान को मिलाकर एक यूनिक पिकअप ट्रक का निर्माण किया है, इस प्रोजेक्ट को विभिन्न चरणों में विकिसित किया गया था, उन्होंने मजबूत पिकअप ट्रक डिजाइन को पूरा करते हुए इस व्हीकल में अंडरबॉडी सेफ्टी, स्टैंडर्ड टायर, एंबिएंट लाइटिंग और स्पेशल रूफ माउंटेड लाइट जैसे खास फीचर्स को शामिल किया गया है।

छात्रों को किसका मिला मार्गदर्शन:
पूरे प्रोजेक्ट के दौरान छात्रों को SAVWIPL में प्रोफेशनल्स का मार्गदर्शन मिला, सलाहकारों ने छात्रों को आपूर्तिकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों के साथ सहयोग करने के मामले में मदद करते हुए उनका मार्गदर्शन किया, जिससे उन्हें अपने नए विचारों को साकार करने में मदद मिलती, ये परियोजना उन अन्य पहलों में से एक है, जिसे कम्पनी आम बजट 2024 में हाल की घोषणाओं के मुताबिक युवाओं के कौशल पर सरकार के फोकस के अनुरूप चल रही है।

किस उद्देश्य से तैयार की गई SAVWIPL अकादमी:
SAVWPIL अकादमी का मेकेट्रॉनिक्स में डुअल वोकेशनल ट्रेनिंग को 2011 में शुरू किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है और हाई स्कूल के छात्रों को प्रशिक्षित करने में सहायक रहा है, जर्मनी की व्यवसायिक प्रणाली पर आधारित यह पूर्णकालिक 3.5 वर्षीय पाठ्यक्रम, ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए युवा प्रतिभाओं को विकसित करने और तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है।
विश्व स्तर पर स्कोडा के पास स्कोडा अकादमी के तहत एक स्टूडेंट कार प्रोजेक्ट है, ग्रुप का लक्ष्य देश की स्किल इंडिया पहल का समर्थन करते हुए अपने वोकेशनल स्कूल में उच्च स्तर के प्रशिक्षण को शामिल करना है, ये परियोजना छात्रों को विचार मूल्यांकन और उसके क्रियान्वन में व्यवहारिक अनुभव प्रदान करती है।

Skoda Auto के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य ने क्या कहा:
स्कोडा ऑटो ए एस के प्रोडक्शन और लॉजिस्टिक्स के लिए बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य एंड्रियास डिक ने कहा कि भारत में स्टूडेंट कार प्रोजेक्ट 2.0 का सफल समापन दिखता है कि देश में ऐसी युवा प्रतिभाएं हैं जो एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग भारत में लाकर हमारा लक्ष्य ऐसे माहौल का निर्माण करना है जहां युवा इनोवेटर भविष्य के बदलाव लाने वाले कारक बन सकें।
इस परियोजना को अलग अलग चरणों में विकसित किया गया था, कार कांसेप्ट को अंतिम रूप देने से लेकर विचार संग्रह, बाजार विश्लेषण, अनुसंधान और विकास, खरीद, पैकिंग और अंतिम कार परीक्षण तक परियोजना SAVWIPL पेशेवरों की सलाह के तहत छात्रों द्वारा शुरू की गई थी न केवल 3डी मुद्रित भागों का उपयोग किया गया बल्कि छात्रों ने शो कार को ऑफ रोड रेडी एक्सेसरीज जैसे अंडरबॉडी सुरक्षा, जुड़े हुए टायर, एंबिएंट लाइटिंग और विशेष छत पर लगी लाइट के साथ भी पेश किया।

परियोजना का लक्ष्य:
यह परियोजना उन पहलों का हिस्सा है जो कार निर्माता ने केंद्रीय बजट में हाल की घोषणाओं के अंतर्गत युवाओं को कुशल बनाने पर सरकार के फोकस के अनुरूप शुरू की है, ये डबल व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम 2011 में शुरू किया गया था और यह एक 3से 5 वर्षीय फुल टाइम कोर्स है जो जर्मनी के वोकेशनल मॉडल पर आधारित है।

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