आज के समय में लोगों के पास फोर व्हीलर यानि कि कार होना आम बात हो गई है साथ ही कार अब लग्जरी कम और जरूरत की चीज ज्यादा बन गई है, कार को लेकर लोगों के मन में बहुत से भ्रम है कि खड़ी कार में एसी चलाना चाहिए या नहीं वैसे तो चलती कार में एसी चलाना की दिक्कत की बात नहीं है क्योंकि एसी सुविधा के लिए ही दी जाती है ताकि लंबे सफर करने वाले लोगों को गर्मी महसूस ना हो लेकिन कई बार ऐसे मौके देखे गए हैं कि कुछ लोग खड़ी कार में एसी चलाकर सो जाते हैं या फिर बैठे रहते हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि खड़ी कार में एसी चलाने के क्या नुकसान हैं, कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि खड़ी कार में एसी चलाना सोने से स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है और कई बार जानलेवा भी हो सकता है।
खड़ी कार में एसी चलाना हुआ जानलेवा:
अभी कुछ समाय पहले ही उत्तराखंड के देहरादून का एक मामला सामने आया था कि कार में एसी चलाकर सोने से एक शख्स की मौत हो गई साथ ही जब पड़ताल हुई तो पता लगा कि खड़ी कार में एसी चलाकर शख्स सो रहा था और एसी से निकलने वाली गैस के प्रभाव से शख्स की मौत हो गई।
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि खड़ी कार में एसी चलाने से कार के अंदर ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम हो जाती है और सांस लेने में भी दिक्कत होती है इसके साथ ही एसी के ठंडे होने और इंजन के गर्म होने की वजह से भी कई बार ऐसी दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं रहती हैं तो ऐसे में खड़ी कार में आपको एसी चलाने से बचना चाहिए।
AC ऑन करके सोने पर क्यूं होती है मौत:
आप लोगों ने आमतौर पर देखा होगा कि बहुत से लोग कार खड़ी करके और एयर कंडीशन ऑन करके सोते हैं और फिर एसी की वजह से सभी विंडो को बंद रखते हैं ऐसी स्थिति में कार के केबिन में गैस इकट्ठा होना आम बात है लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि जानलेवा गैस केबिन के भीतर कैसे आती है, कार के इंजन से निकलने वाली जहरीली गैसों मुख्य रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण कार में बैठे लोगों का दम घुट सकता है, यह गैस एसी वेंट द्वारा वाहन के केबिन में आ जाती है।
Expert क्या कहते हैं:
इस दुर्घटना को लेकर देहरादून के फिजिशियन डॉ. केके त्रिपाठी ने बताया कि कार में लंबे समय तक एसी खुला रखना तो खतरनाक है ही और इसके साथ ही शराब पीकर कार में सोना और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है। शराब पीकर गाड़ी में नींद आने की वजह से मौत की संभावना और और ज्यादा बढ़ जाती है क्यूंकि चारों तरफ से गाड़ी बंद रहती है और हमारी मांसपेशियां ऑक्सीजन नहीं ले पाती हैं ऐसी में कार्बन मोनोऑक्साइड हमारी बॉडी के लिए खतरनाक हो जाता है और फिर कई सारे शरीर के अंदरूनी अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं क्योंकि नशे की हालत में हमें ज्यादा कुछ महसूस नहीं होता है और फिर कार्बन मोनोऑक्साइड हमारे लिए खतरनाक हो सकती है।
नशा और एसी का कॉम्बिनेशन:
ड्रिंक और ड्राइविंग हमेशा से ही खतरनाक साबित होती है इससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं, ये एक तरह से गैर कानूनी भी है और इसके लिए हैवी पेनाल्टी और सजा का भी एक प्रावधान है लेकिन वहीं कार नशे की हालत में कार के विंडो बंद कर AC ऑन कर सोना भी कम खतरनाक नहीं हैं। कई बार देखा गया है कि लोग नशे की हालत में कार में सो जाते हैं और किसी अनहोनी तथा कार में रखा सामान चोरी होने के डर से लोग कार के विंडो पूरी तरह से बंद कर देते हैं और इसी वजह से एसी वेंट्स के रास्ते कार केबिन में दाखिल होने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड मौत का कारण बनती है।
AC चलाने के और भी हैं नुकसान:
आप लोगों को बता दें कि कंप्रेसर कार के इंजन द्वारा संचालित होता है और फिर खड़ी गाड़ी में एसी चलता है तो इससे इंजन पर बहुत असर पड़ता है और इससे इंजन के पुर्जों में घिसाव जल्दी हो जाता है और उनके खराब होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
माइलेज पर पड़ता है भारी असर:
खड़ी गाड़ी में लगातार एसी चलाने से माइलेज पर भी इसका असर पड़ता है, एसी चलाने पर इंजन पर ज्यादा भार पड़ता है इससे फ्यूल का कंजप्शन बढ़ जाता है, ऐसे में माइलेज पर भी असर पड़ता है।
क्या करना चाहिए:
डॉक्टर त्रिपाठी का कहना है कि सेंट्रल लॉकिंग की गाड़ी में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए, कई बार मुसीबत आने पर हमसे डोर भी नहीं खुल पता है क्योंकि हमारे हाथ पैर काम करना बंद कर देते हैं इसलिए सभी संभावनाओं को ध्यान में रखकर ही बैठें और साथ ही गाड़ी में ज्वलनशील पदार्थ ना रखें और अगर आपको नशा हो गया है तो गाड़ी में नींद को पूरा ना करें।
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