भारत में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में कार कम्पनियों की बिक्री में इजाफा होने लगता है और ये साल के अंत तक रहता है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने कहा है कि देश में डीलरों के पास कारों की इन्वेंटरी लगभग 7 लाख हो गई हैं, ये वो कारें हैं जो बिकी नहीं हैं और डीलरशिप पर खड़ी हैं। FADA का कहना है कि दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार मार्केट के लिए ये चिंता का विषय है, फेस्टिव सीजन होने के बावजूद लोग गाड़ियां कम खरीद रहे हैं जिससे डीलरों की इन्वेंटरी बढ़ रही हैं और भारी नुकसान हो रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये स्टॉक लगभग दो महीने से ज्यादा का है, मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार 30 दिनों की इन्वेंटरी को सामान्य माना जाता है लेकिन मौजूदा स्थिति में इन्वेंटरी लगभग 60 से 70 दिनों तक पहुंच गई है साथ ही ऐसे डीलरों के ऊपर इन कारों को मेंटेन करने का खर्च बढ़ रहा है, डीलरों के पास स्टॉक लेवल बढ़ता देख कुछ कार कम्पनियों ने अपना प्रोडक्शन धीमा कर दिया है।
क्यों घाटी वाहनों की बिक्री:
वाहनों के मांग में कमी के कई कारण हो सकते हैं, धीमी मांग की शुरुआत इस साल लोकसभा चुनावों से हुई थी साथ ही भीषण गर्मी और भारी बारिश ने भी कारों की बिक्री पर काफी प्रभाव डाला है। भारतीय बाजार में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में इस मंदी ने डीलरशिप पर भारी बोझ डाल दिया है, लेकिन इससे उभरने के लिए वाहन निर्माता कंपनियां प्रोडक्शन स्लो करने के साथ ही डिस्काउंट का भी सहारा लेना काफी कम है।
जुलाई 2024 में महिंद्रा, किआ और टोयोटा को छोड़ दें तो ज्यादातर कार कंपनियां ने बिक्री में गिरावट दर्ज की, मारुति सुजुकी की जुलाई में बिक्री पिछले साल के जुलाई की तुलना में लगभग 9.65% कम थी। वहीं हुंडई टाटा मोटर्स और होंडा ने भी गिरावट दर्ज की है, टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में भी गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल जून को तिमाही में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में साल दर साल 7% की गिरावट देखी गई है, वहीं EV सेगमेंट की लीडर कही जाने वाली टाटा मोटर्स की बिक्री बीते जुलाई में 21% तक गिर गई है।
73,000 करोड़ तक की कारें खड़ी हैं डीलरशिप पर:
रिपोर्ट्स के मुताबिक देशभर के डीलरशिप पर 7 लाख गाड़ियां खड़ी हैं, जिनकी कुल वैल्यू लगभग 73,000 करोड़ रुपए है, FADA का कहना है कि अगर ये स्थिति ज्यादा समय तक बरकरार रही तो डीलरों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। डीलरों को अपने स्टॉक यार्ड में खड़ी कारों के रखरखाव में हर महीने लाखों रुपए का खर्च उठाना पड़ता है। इसके साथ ही कारों के ऊपर लोन और स्पेस के लिए किराए का भुगतान भी टाइम पर करना पड़ता है, अगर बाजार में डिमांड कम रही तो इससे सीधा नुकसान डीलरों को होगा।
FADA के कहने के मुताबिक जुलाई 2024 के शुरुआत में कारों की इन्वेंटरी 65-67 दिनों से बढ़कर आज की डेट में लगभग 85-90 दिनों की हो गई है, डीलरों के पास वर्तमान में लगभग 7,30,000 वाहन खड़े हैं जो कि लगभग 2 महीने की बिक्री के बराबर हैं, लेकिन भारतीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन का अनुमान है कि ये आंकड़ा लगभग 4,00,000 यूनिट कारों का है और वाहन निर्माता उत्पादन को कम करके और बेहतर इन्वेंटरी मैनेजमेंट के लिए सेल्स नेटवर्क को बढ़ा सकते हैं।
मारुति सुजुकी ने धीमा कर दिया प्रोडक्शन:
बिजनेस स्टैंडर्ड रिपोर्ट्स के मुताबिक देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड बिक्री में गिरावट के बाद कारों के उत्पादन की रफ्तार को कम कर दिया है, कार निर्माता ने कहा कि इस चालू वित्त वर्ष के पहले कुछ महीनों के दौरान वाहनों की बिक्री प्रोडक्शन के लिहाज से काफी कम हो गई है इसलिए इन स्टॉक को संतुलित करने के लिए उत्पादन को एडजस्ट करना होगा।
वाहन कंपनियों ने दिया भारी डिस्काउंट:
इस समय ज्यादतार कार कंपनियां अपने वाहनों पर भारी डिस्काउंट दे रही हैं, टाटा मोटर्स अपनी सफारी, हैरियर और नेक्सॉन पर लाखों रुपए की छूट दे रहा है, वहीं हुंडई भी अपने वेन्यू और एक्सटर जैसे मॉडलों पर इस महीने डिस्काउंट ऑफर कर रहा है। जीप इंडिया तो अपने ग्रैंड चेरोकी मॉडल पर पूरे 12 लाख रुपए का डिस्काउंट ऑफर कर रही है, अब जिसकी शुरुआती कीमत 68.50 रूपए हो गई है और पहले इसकी कीमत 80.50 लाख रुपए थी।
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