Fake हेलमेट पहनने से होते हैं ये नुकसान, जा सकती है आंखों की रोशनी:

Durga Pratap
5 Min Read
Ather Halo helmets

हमारे देश में ज्यादातर लोग हेलमेट सिर्फ इसलिए खरीदते हैं ताकि उनका चालान ना कट जाए, बहुत कम लोग हैं जो सुरक्षा के लिए अच्छी क्वालिटी का हेलमेट खरीदना पसंद करते हैं साथ ही देश में नकली हेलमेट की बिक्री लगातार बढ़ रही है, सड़क किनारे और लोकल दुकानों पर 100 रुपए से लेकर 300 रुपए में नकली हेलमेट आसानी से मिल रहे हैं, वहीं कई बार तो इन हेलमेट पर आईएसआई का नकली स्टिकर लगा कर भी बेचा जाता है यही कारण है कि देश में नकली हेलमेट की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में सैंकड़ों लोग अपनी जान गंवाते हैं वहीं नकली हेलमेट आपको आंखों के लिए भी बेहद खतरनाक है।

नकली हेलमेट आपकी आंखों के लिए होता है बेहद खतरनाक:
नकली हेलमेट बनाने में घटिया और हल्की क्वालिटी का सामान इस्तेमाल किया जाता है वहीं इसमें लगा वाइजर भी UV सुरक्षित नहीं होता है जिसकी वजह से तेज धूप में आंखों की सुरक्षा नहीं हो पाती, इतना ही नहीं रात में सामने से आ रहे वाहनों की हाई बीम तेज रोशनी भी सीधा आंखों पर असर डालती है जिसकी वजह से आंखों की रोशनी कमजोर पड़ जाती है जबकि अच्छी गुणवत्ता के ओरिजनल हेलमेट में UV प्रोटेक्शन वाला वाइजर लगा होता है जो धूप से आपकी आंखों को सुरक्षित रखता है साथ ही आपके चेहरे को भी धूप से बचाता है।

ISI मार्क वाला हेलमेट है कितना सुरक्षित:
देश की प्रसिद्ध हेलमेट निर्माता कंपनी स्टीलबर्ड हेलमेट के एमडी राजीव कपूर का कहना है कि हमेशा ISI मार्क वाला ही हेलमेट खरीदना और पहनना चाहिए, असली ISI मार्क वाला हेलमेट 300 से 400 रुपए में बन नहीं सकता, लेकिन लोकल मार्केट में ISI मार्क वाला सब स्टैंडर्ड हेलमेट मिल रहा है, ये हेलमेट आपको चालान से जरूर बचा सकता है लेकिन दुर्घटना होने पर आपकी जान नहीं बचा सकता उनका कहना है कि नकली हेलमेट बेचने का मतलब नकली दवाई बेचने जैसा है, इसलिए हमेशा ओरिजिनल हेलमेट ही खरीदें और पहनें, असली हेलमेट में क्वालिटी और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पूरा ध्यान रखा जाता है क्यूंकि एक असली हेलमेट कई सेफ्टी टेस्ट से होकर गुजरता है, आंकड़ों के मुताबिक सड़क हादसों में हर साल दस लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है क्यूंकि हमारे देश के कई राज्यों और जिलों में यातायात पुलिस की सीमित संख्या है यदि हम बीमा कंपनियों के आंकड़ों की मानें तो इन हादसों में मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा है।

भारत में हर साल 10 करोड़ ISI हेलमेट की मांग:
मौजूदा समय में पूरे देश में हेलमेट पहनना अनिवार्य है लेकिन ये कानून केवल दिल्ली, चंडीगढ़ और जयपुर में ही प्रभावी तौर पर लागू है, सरकार मोटर व्हीकल एक्ट के नए संशोधन में जल्द ही हेलमेट को अनिवार्य करेगी और कानून को पूरे देश में लागू करेगी इससे बाजार में मांग बढ़ेगी।

अवैध हेलमेट की फैक्ट्रियां:
एक हेलमेट विक्रेता के मुताबिक दिल्ली में कई ऐसे इलाके हैं जहां घरों में अवैध हेलमेट की फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं और नकली हेलमेट बनाए जा रहे हैं साथ ही इन पर लगाम कसना बेहद ही जरूरी है, जो लोग नकली हेलमेट बेच रहे हैं उन पर भी कार्यवाही होनी चाहिए ताकि लोग असली हेलमेट खरीद सकें।

क्यूं खरीदे जाते हैं नकली हेलमेट:
सोचने वाली बात यह है कि बजार में नकली हेलमेट इतने क्यूं बिक रहे हैं, क्या लोगों को अपनी जान की परवाह नहीं है, हमने कुछ लोगों से बात की तो पता चला कि सिर्फ चालान से बचने के लिए ही लोग रास्ते से हेलमेट खरीदते हैं क्योंकि लोगों को कम कीमत में नकली हेलमेट मिल जाते हैं।

हेलमेट खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान:
मार्केट में हर रंग और डिजाइन के हेलमेट मौजूद हैं ऐसे में आप अपनी जरूरत के मुताबिक हेलमेट चुनें, हेलमेट का वाइजर कभी गहरे रंग का नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे रात में दिक्कत होती है, हेलमेट खरीदते समय ध्यान रखें अगर हेलमेट कहीं से टूटा हुआ तो लेने से बचें, अच्छी क्वालिटी के वाइजर वाले हेलमेट खरीदें ताकि आंखों पर भारीपन ना महसूस हो, साथ ही उसी हेलमेट को प्राथमिकता दें जिसके अंदर की फोम की लाइनिंग आसानी से बाहर निकल जाती हो ताकि इन्फेक्शन से बचने के लिए आप उसे हफ्ते में एक बार धोकर दुबारा इस्तेमाल कर सकें।

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