जिस पेट्रोल और डीजल को आप अपनी गाड़ी में डलवा रही हैं वो शुद्ध या नहीं इसकी जांच आप मिनटों में कर सकते हैं इसके लिए आपको सर्फ फिल्टर पेपर पर फ्यूल को दो बूंदे डालनी होंगी, डिलेवरी नोजल के मुंह को साफ करें, नोजल से फिल्टर पेपर पर पेट्रोल की दो बूंद डालें, दो मिनट में पेट्रोल फिल्टर पेपर से उड़ जायेगा और सूखने पर गहरे रंग का दाग रहता है तो समझ जाएं पेट्रोल मिलावटी है। फिल्टर पेपर भी आपको खरीदने की जरूरत नहीं बल्कि आप पेट्रोल पंप संचालक से ही इसकी मांग कर सकते हैं, फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश पेट्रोल डीलर एसोसिएशन वाइस प्रेसीडेंट पारस जैन ने बताया। कि कई लोग पेट्रोल में सॉल्वेंट मिला देते हैं इससे पेट्रोल मिलावटी होने के बावजूद दाग नहीं छोड़ता है ऐसे में आप डेंसिटी जार से पेट्रोल की शुद्धता की जांच कर सकते हैं, हर पेट्रोल पंप पर डेंसिटी जार मौजूद होता है।
कितनी होनी चाहिए शुद्ध पेट्रोल की डेंसिटी:
पेट्रोल की शुद्धता की जांच उसकी डेंसिटी से की जाती है अगर पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 के बीच है तो वह शुद्ध मानी जायेगी और अगर 730 से कम है और 800 से ज्यादा है तो उसमें मिलावट हो सकती है साथ ही डीजल की डेंसिटी 830 से 900 के बीच होती है।
डेंसिटी जार से भी करवा सकते हैं जांच:
फिल्टर पेपर के बाद भी आपको फ्यूल की शुद्धता पर शक है तो आप डेंसिटी जार से इसकी जांच सकते हैं, डेंसिटी चेक करने के लिए आपको 500ml जार, हाइड्रो, थर्मोमीटर और ASTM कन्वर्सन चार्ज की जरूरत होगी, हाइड्रोमीटर किसी भी लिक्विड की डेंसिटी जांचने के लिए एक अच्छा उपकरण है और ये सभी चीजें पेट्रोल पंप पर उपलब्ध होती है, डेंसिटी जार में घनत्व का अलग-अलग टेंपरेचर पर डिफरेंस निकाला जाता है।
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के मुताबिक हर ग्राहक को पेट्रोल की शुद्धता मापने का अधिकार है, कई बार नोजल में छेड़छाड़ कर 100 से 150ml तक ईंधन में हेरफेर की जाती है, ऐसे में शक होने पर 5 लीटर टेस्ट करना चाहिए, पेट्रोल पंप पर 5 लीटर पेट्रोल डीजल डलवाकर जांच कर सकते हैं कि नाप सही या नहीं।
मीटर के ऊपर प्राइस जंप:
अगर फ्यूल डलवाते समय 3-4 रुपए जंप हो रही है तो सही है लेकिन 40-50 रुपए या इससे ज्यादा का प्राइस जंप हो रहा है तो संभव है कि मीटर के साथ छेड़खानी की है और इसकी आपको तुरंत शिकायत करनी चाहिए।
कोई मिलावटी बेचे तो क्या करें:
हर पेट्रोल पंप पर कंपनी के अधिकारियों का नंबर लिखा होता है मिलावट होने पर आप सीधे अधिकारी को शिकायत कर सकते हैं, आप कंज्यूमर कोर्ट में भी इसकी शिकायत कर सकते हैं और पेट्रोल बेचने वाली कम्पनी से हर्जान की मांग कर सकते हैं।
कम्पनी में शिकायत होने पर ऐसे पेट्रोलपंप संचालकों को शोकाज नोटिस भेजा जाता है और पेनाल्टी लगाई जाती है।
Also read : Tata ki Electric Car में आग लगने के कारण, जलने से बार-बार बचा एक शख्स: